शालिजा धामी (Shaliza Dhami) कौन हैं?

ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने भारतीय वायु सेना (IAF) की पहली महिला अधिकारी के रूप में इतिहास रचा है, जिन्हें पश्चिमी क्षेत्र में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट के लीडर के रूप में नियुक्त किया गया है। वह एक मिसाइल स्क्वाड्रन की प्रभारी होंगी, जो भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी 

ग्रुप कैप्टन धामी के पास हेलीकॉप्टर पायलट और पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्लाइट कमांडर के रूप में व्यापक अनुभव है, उन्होंने दो अवसरों पर एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से प्रशंसा प्राप्त की है। ग्रुप कैप्टन के रूप में उनकी स्थिति भारतीय सेना में एक कर्नल के बराबर है। उन्हें 2,800 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। वह IAF में योग्य उड़ान प्रशिक्षक बनने वाली पहली महिला अधिकारी भी हैं।

ग्रुप कैप्टन की रैंकिंग क्या होती है?

भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन की रैंकिंग ब्रिटिश उपनिवेशवाद की छाप है। यह ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स में चलन में था और आजादी के बाद हमने इसे अपनाया। ग्रुप कैप्टन वरिष्ठ कमीशंड रैंक का अधिकारी होता है। ग्रुप ऑफिसर का NATO रैंक कोड OF-5 है। इसका मतलब है, वह विंग कमांडर से ऊपर और एयर कमांडर से नीचे रैंक करता है। ग्रुप कैप्टन का पद लगभग नौसेना कप्तान के पद के समान होता है।

ग्रुप कैप्टन की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां क्या हैं?

ग्रुप कैप्टन को हेलीकॉप्टर इकाइयों और भारतीय वायु सेना के कमांड स्क्वाड्रन का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया जाता है। वे वायु सेना स्टेशनों में मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में भी काम करते हैं। दूतावासों और उच्चायोगों में बैठे वायु सलाहकार और वायु अताशे ज्यादातर ग्रुप ऑफिसर के पद के होते हैं।

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