विश्व बैंक ने जारी की वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट
हाल ही में विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था 2020-21 में 6% तक संकुचित होगी।भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 में 5.4 प्रतिशत की रिकवरी करेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन मुख्य रूप से घरेलू खर्च और निजी निवेश में तेज गिरावट के कारण होगा।
- दूसरी ओर, वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2021 में 4% विस्तार होगा।
- सेवा और विनिर्माण क्षेत्र कुछ गति हासिल कर रहा है।
विश्व बैंक के अनुसार भारत अपने पहले तकनीकी मंदी के दौर का सामना कर रहा है।
तकनीकी मंदी का दौर क्या है?
जब जीडीपी की वृद्धि लगातार दो तिमाही या उससे अधिक अवधि के लिए नकारात्मक होती है, तो इसे तकनीकी मंदी का चरण कहा जाता है। भारत में, सकल घरेलू उत्पाद अप्रैल और जून तिमाही के बीच 23.9 प्रतिशत कम हुआ। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर जुलाई और सितंबर तिमाही के दौरान 7.5% संकुचित हुई थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत की जीडीपी वृद्धि लगातार दो तिमाहियों के लिए नकारात्मक रही है। इस प्रकार, भारत एक तकनीकी मंदी के दौर में है।
भारत में बेरोजगारी की स्थिति
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौरान 50 लाख से अधिक वेतनभोगी लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।
विश्व बैंक
विश्व बैंक का मुख्यालय वाशिंगटन डी. सी. में है। इसकी स्थापना जुलाई 1945 को हुई थी। विश्व बैंक ऋण देने वाली एक ऐसी संस्था है जिसका उद्देश्य विभिन्न देशों की अर्थ व्यवस्थाओं को एक व्यापक विश्व अर्थव्यवस्था में शामिल करना और विकासशील देशों में ग़रीबी उन्मूलन के प्रयास करना है। इसके कुल 189 सदस्य देश हैं। इसका आदर्श वाक्य “निर्धनता मुक्त विश्व के लिए कार्य करना” है।