वित्त वर्ष 2022-23 का प्रत्यक्ष कर संग्रह : मुख्य बिंदु

वित्त मंत्रालय के तहत काम कर रहे CBDT ने हाल ही में देश के कर संग्रह की दिशा के संशोधित अनुमान जारी किए। इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में 2022-23 में भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह में 24% की वृद्धि हुई है। 2022-23 में, कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.67 लाख करोड़ रुपये था।

2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह

प्रत्यक्ष कर राजस्व का बजट अनुमान 14.2 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि जमा की गई राशि इससे अधिक है। प्रदान किए गए आंकड़े 10 फरवरी, 2023 तक के हैं।

वृद्धि

मुख्य रूप से कॉर्पोरेट आयकर संग्रह और व्यक्तिगत आयकर संग्रह के कारण कर संग्रह में वृद्धि हुई। कॉर्पोरेट आयकर संग्रह पिछले वर्ष की तुलना में 19.33% अधिक था। और व्यक्तिगत आयकर संग्रह पिछले वर्ष की तुलना में 29.63% अधिक था।

प्रत्यक्ष कर क्या है?

आयकर जैसे करों को प्रत्यक्ष करों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यानी ये कर वस्तुओं और सेवाओं के बजाय किसी व्यक्ति या संस्था के मुनाफे पर लगाए जाते हैं। जीएसटी प्रत्यक्ष कर नहीं है। यह एक अप्रत्यक्ष कर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है और इसमें ज्यादातर सेवा कर, मूल्य वर्धित कर, उत्पाद शुल्क, खरीद कर आदि शामिल होते हैं।

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