यू मुथुरामलिंगा थेवर (U Muthuramalinga Thevar) कौन थे?

हर साल 30 अक्टूबर को, भारत के मध्य कोलकाता में एक उल्लेखनीय घटना घटती है, जब पश्चिम बंगाल के थेवर समुदाय के सैकड़ों लोग थेवर जयंती गुरु पूजा के लिए इकट्ठा होते हैं। यह अवसर एक प्रमुख राजनेता और थेवर समुदाय के नेता यू मुथुरामलिंगा थेवर के जन्म की सालगिरह का प्रतीक है। यह उत्सव धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक महत्व का एक जीवंत मिश्रण है, जो उस व्यक्ति का सम्मान करता है जिनके भारत के स्वतंत्रता संग्राम और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई में योगदान ने राष्ट्र पर एक अमिट छाप छोड़ी।

थेवर का उल्लेखनीय जीवन और विरासत

यू मुथुरामलिंगा थेवर न केवल एक राजनेता थे बल्कि तमिलनाडु के रामनाड जिले में हरिजन सेवक संघ के सचिव भी थे। उन्होंने छुआछूत का दृढ़ता से विरोध किया और 1939 में, प्रचलित भेदभावपूर्ण प्रथाओं को चुनौती देते हुए, मदुरै के मीनाक्षी मंदिर में हरिजनों का नेतृत्व किया। इसके अलावा, उन्होंने 1920 के दमनकारी आपराधिक जनजाति अधिनियम का पुरजोर विरोध किया, जिसे खत्म करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पश्चिम बंगाल में थेवर समुदाय

पश्चिम बंगाल में थेवर समुदाय में राज्य भर में फैले 3,000 से अधिक लोग शामिल हैं। कोलकाता में, वे न्यू मार्केट, जानबाजार और लेक गार्डन जैसे क्षेत्रों में रहते हैं, अक्सर व्यवसाय चलाते हैं या खानपान का काम करते हैं। मध्य कोलकाता में थेवर समुदाय द्वारा बड़ी संख्या में सड़क किनारे इडली और डोसा बेचने वाली दुकानें संचालित की जाती हैं।

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