भारतीय नौसेना के लिए राफेल विमान (Rafale Aircraft) की खरीद की जाएगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की ओर से महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए। इन प्रस्तावों का उद्देश्य राफेल समुद्री लड़ाकू जेट और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद के माध्यम से भारतीय नौसेना को मजबूत करना है।
मुख्य बिंदु
जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पेरिस यात्रा पर निकले, DAC ने नौसेना संपत्तियों के अधिग्रहण के प्रस्तावों पर चर्चा करने और उन्हें मंजूरी देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। प्रस्ताव में 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों की खरीद शामिल है, जो नौसेना की हवाई क्षमताओं को मजबूत करेगी। इसके अतिरिक्त, बल तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का अधिग्रहण करेगा, जो इसकी पानी के नीचे की ताकत को बढ़ाएगी। ये अधिग्रहण भारत की समुद्री तैयारियों और रणनीतिक पहुंच को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का संकेत देते हैं।
शीर्ष नेतृत्व
प्रमुख पूंजीगत खरीद को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार DAC, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मार्गदर्शन में काम करती है। यह शीर्ष निकाय रक्षा अधिग्रहणों में पारदर्शिता, दक्षता और रणनीतिक निर्णय लेने को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राफेल फाइटर जेट
फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित, राफेल लड़ाकू विमान अपनी उन्नत क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों, जैसे दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से सतह पर मार करने वाली स्मार्ट हथियार प्रणाली और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों से लैस, ये विमान भारतीय नौसेना को एक मजबूत बढ़त प्रदान करते हैं।
समुद्री संस्करण
राफेल समुद्री लड़ाकू जेट विशेष रूप से नौसैनिक अभियानों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। मुख्य अंतरों में फोल्डेबल पंख, वाहक लैंडिंग के लिए उपयुक्त एक लंबा एयरफ्रेम और वाहक पर अरेस्टेड लैंडिंग के लिए एक टेल हुक शामिल हैं। ये अनुकूलन विमान को समुद्र में विमान वाहक से प्रभावी ढंग से संचालित करने में सक्षम बनाते हैं।