‘बल्क ड्रग पार्क संवर्धन’ (Promotion of Bulk Drug Parks) योजना क्या है?
फार्मास्युटिकल विभाग ने हाल ही में ‘बल्क ड्रग पार्क संवर्धन’ (Promotion of Bulk Drug Parks) योजना के तहत तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने के प्रस्तावों को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दे दी है। यह देश में बल्क ड्रग मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन करने के लिए एक बड़ी पहल है।
मुख्य बिंदु
- इस योजना के तहत 13 राज्यों से बल्क ड्रग पार्कों के निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जिनमें से हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश को चुना गया है।
- गुजरात और आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्कों के लिए वित्तीय सहायता साझा बुनियादी ढांचे की परियोजना लागत का 70% होगी।
- वहीं, पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता कुल परियोजना लागत का 90 प्रतिशत होगी। इस योजना के तहत थोक दवा पार्कों के लिए अधिकतम सहायता 1,000 करोड़ रुपये तक सीमित होगी।
पार्क के बारे में
ये पार्क हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की हरोली तहसील में 1402.44 एकड़, गुजरात के भरूच जिले की जम्बूसर तहसील में 2015.02 एकड़ और पूर्वी गोदावरी जिले के थोंडागी मंडल के केपी पुरम और कोढाहा में 2000.45 एकड़ में स्थापित किए जाएंगे।
परियोजना के लाभ
- इस योजना के तहत विकसित किए जाने वाले बल्क ड्रग पार्क एक ही स्थान पर सामान्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेंगे, जिससे देश में थोक दवा निर्माण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा और विनिर्माण लागत में भी काफी कमी आएगी।
- इस योजना से थोक दवाओं के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करके और आयात निर्भरता को कम करने के लिए मानक परीक्षण और बुनियादी ढांचे तक आसान पहुंच प्रदान करके वैश्विक बाजार में पैर जमाने की उम्मीद है।
- यह योजना उद्योग को सामान्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के नवीन तरीकों के माध्यम से कम लागत पर पर्यावरण मानकों को पूरा करने और संसाधनों के अनुकूलन और पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं से उत्पन्न होने वाले लाभों को प्राप्त करने में मदद करेगी।