निर्भया कढ़ी अभियान (Nirbhaya Kadhi Campaign) : मुख्य बिंदु

ओडिशा के गंजम जिले ने खुद को राज्य में पहला बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया है।

मुख्य बिंदु 

  • पिछले दो वर्षों, 2020 और 2021 में, गंजम जिला प्रशासन लगभग 450 बाल विवाह और वीडियो-रिकॉर्ड 48,383 विवाहों को रोकने में सक्षम है।
  • प्रशासन ने किसी भी विवाह को करने के लिए आधार कार्ड को भी अनिवार्य कर दिया है।

निर्भया कढ़ी (Nirbhaya Kadhi)

गंजम में निर्भया कढ़ी कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। किशोरियों को स्कूल छोड़ने से रोकने और उनकी काउंसलिंग करने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया कि अगर 12 से 18 साल की लड़की पांच दिनों तक स्कूल से अनुपस्थित रहती है तो प्रशासन को इसकी सूचना दें। पिछले दो वर्षों में इस कार्यक्रम के तहत लगभग एक लाख किशोरों ने परामर्श लिया है।

प्रशासन ने किसी भी बाल विवाह की सूचना देने वालों के लिए 5,000 रुपये की घोषणा भी की थी। यह राशि अब बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है।

भारत में बाल विवाह की व्यापकता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुमान के मुताबिक, भारत में हर साल 18 साल से कम उम्र की कम से कम 15 लाख लड़कियों की शादी हो जाती है।

बालिका विवाह के कारण

  • बाल विवाह आमतौर पर सामाजिक और आर्थिक संदर्भ में होते हैं।
  • महिलाओं द्वारा किया जाने वाला घरेलू श्रम और देखभाल का काम भी इससे जुड़ा है। ऐसी मान्यता है कि लड़कियों को सुरक्षा और सुरक्षा के साथ-साथ परिवार के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए जल्दी शादी कर लेनी चाहिए।
  • पुत्रों को वरीयता देने से पुत्रियों की संख्या अधिक होती है। इस प्रकार, कम उम्र की लड़कियों में बाल विवाह की संभावना अधिक होती है।
  • इसके अलावा, शिक्षा का अधिकार अधिनियम केवल 14 वर्ष की आयु तक शिक्षा को निःशुल्क और अनिवार्य बनाता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *