नंदिनी कृषक समृद्धि योजना (Nandini Krishak Samriddhi Yojana) लॉन्च की गई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में मवेशियों की नस्ल बढ़ाने और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नंद बाबा मिशन के तहत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य दूध उत्पादन और डेयरी किसानों की आय बढ़ाने के लिए गाय की नस्लों, विशेष रूप से साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातिरी में सुधार करना है।
सरकार 25 दुधारू गायों की एक इकाई स्थापित करने के लिए 62.5 लाख रुपये की अनुमानित लागत पर 50% सब्सिडी प्रदान करेगी, जिसमें प्रति लाभार्थी अधिकतम 31.25 लाख रुपये की सब्सिडी होगी। यह योजना शुरुआत में राज्य के दस संभागीय मुख्यालयों में लागू की जाएगी। लाभार्थियों के पास पशुधन पालन का कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए और पात्रता के लिए विशिष्ट भूमि आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए।
मुख्य बिंदु
यह योजना तीन चरणों में लाभ प्रदान करती है। चरण 1 इकाई निर्माण लागत पर 25% सब्सिडी प्रदान करता है। चरण 2 में दुधारू गायों की खरीद, बीमा और परिवहन के लिए 12.5% सब्सिडी प्रदान की जाती है। चरण 3 परियोजना लागत पर शेष 12.5% सब्सिडी प्रदान करता है।
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के लिए लाभार्थियों का चयन कैसे किया जाएगा और पात्रता मानदंड क्या हैं?
लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। पात्रता मानदंड में न्यूनतम 3 साल का मवेशी पालन अनुभव, मवेशियों की ईयर-टैगिंग, इकाई के लिए 0.5 एकड़ भूमि का स्वामित्व या पट्टा और हरे चारे के लिए लगभग 1.5 एकड़ जमीन शामिल है।
लाभार्थियों का चयन कैसे किया जाएगा और कौन से कारक चयन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं?
लाभार्थी ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिक संख्या में आवेदन आने पर लाभार्थियों के चयन के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लॉटरी आयोजित की जाएगी। अनुभव, भूमि स्वामित्व और योजना मानदंडों का पालन जैसे कारक चयन को प्रभावित करेंगे।