तिरुमंगलक्कुड़ी मंदिर, तमिलनाडु

तिरुमंगलक्कुड़ी मंदिर सूर्यनार कोइल मंदिर के करीब स्थित है। यह मंदिर कावेरी नदी के उत्तर में चोल नाडु में स्थित तेवरा स्थलम की श्रृंखला में 38 वां है।

किंवदंतियाँ: पार्वती को यहाँ एक शाप (तोते का रूप) से छुटकारा मिला था। यह घटना और उनका दिव्य विवाह मकर संक्रांति पर हुआ था इसलिए इसे मंगलाक्षेत्र माना जाता है। इस तीर्थ में शिव के एक भक्त को जीवन के लिए वापस लाया गया था।

मंदिर: इस मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर एक पाँच तीखा गोपुरम स्थित है। इसमें 3 एकड़ क्षेत्र को कवर करने वाले दो प्रामकर हैं। अट्टालिका में स्टालापुरानम को दर्शाते हुए भित्ति चित्र हैं। शिलालेख पल्लवों, राजा राजा चोल और विजयनगर सम्राटों से मिलते हैं।

त्यौहार: पंगुनी उथिराम, अरुद्र दरिसनम, पदिनितम पेरुक्कू, विनायक चतुर्थी, नवरात्रि, आदी पूरम और स्कंद षष्ठी यहां मनाए जाने वाले त्यौहार हैं।

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