केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की बातचीत 8 जनवरी को आयोजित की जाएगी
आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ता आयोजित की गयी। इस वार्ता का आयोजन नई दिल्ली में विज्ञान भवन में किया गया। इस वार्ता में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उद्योग व वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल और राज्य वाणिज्य व उद्योग मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए। इस वार्ता में किसानों को प्रतिनिधित्व 41 किसान संगठनों ने किया।
मुख्य बिंदु
इस बैठक में किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग बरकरार रखी। जिसके चलते बैठक में कोई विशेष प्रगति दर्ज नहीं की गयी। अब अगले दौर की बैठक का आयोजन 8 जनवरी को किया जायेगा।
गौरतलब है कि पिछली बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है और दोनों पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?
भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।
इन कानूनों से असहमति के कारण किसानों ने एक शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया, इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिकांश पंजाबी और सिख किसान कर रहे हैं।
किसानों की चिंता
किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।