केंद्रीय निवेश क्लीयरेंस सेल क्या है?
भारत सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि केंद्रीय निवेश क्लीयरेंस सेल को अप्रैल 2021 तक लॉन्च किया जायेगा। इस केंद्रीकृत निवेश क्लीयरेंस सेल को सिंगल विंडो सिस्टम के एक अभिन्न अंग के रूप में घोषित किया गया था। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय सिंगल विंडो सिस्टम पर काम रहा है। केंद्रीय निवेश क्लीयरेंस सेल की स्थापना की घोषणा वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2020-21 के दौरान की थी।
केंद्रीय निवेश क्लीयरेंस सेल
- केंद्रीय निवेश क्लीयरेंस सेल यह सुनिश्चित करने के लिए लांच जा रही है ताकि एक निवेशक को एक ही प्लेटफार्म पर सारी आवश्यक जानकारी और मंजूरी मिल जाए।
- यह वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करेगा जो सभी आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने में मदद करेगा।
- यह सेल नि: शुल्क निवेश सलाह भी प्रदान करेवि।
- यह सेल भूमि बैंकों से संबंधित जानकारी भी प्रदान करेगी और केंद्रीय और राज्य स्तर पर निवेश की सुविधा प्रदान करेगी।
- यह सेल संभावित निवेशकों को उन सभी मंत्रालयों के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाएगी जिनकी मंजूरी एक ही स्थान पर आवश्यक है।
जब केंद्रीय निवेश क्लीयरेंस सेल लांच की जाएगी, तो इसमें हरियाणा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, गोवा, ओडिशा और गुजरात जैसे राज्यों के शामिल होने की उम्मीद हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये राज्य पहले से ही औद्योगिक सूचना प्रणाली के तहत जीआईएस सक्षम भूमि बैंक का एक हिस्सा हैं ।
औद्योगिक सूचना प्रणाली (Industrial Information System)
यह उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की प्रमुख पहलों में से एक है। यह डिजिटल इंडिया पहल के तहत संचालित है। IIS पोर्टल सभी व्यापारियों और निवेशकों को औद्योगिक जानकारी तक पहुंचने के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करता है। इसमें कच्चे माल, बागवानी, कृषि, खनिजों की जानकारी, प्राकृतिक संसाधन और शहरी बुनियादी ढांचे की उपलब्धता शामिल है।
सिंगल विंडो सिस्टम
भारत में कई आईटी प्लेटफॉर्म हैं जिन्हें मंजूरी प्रदान करने का कार्य आवंटित किया गया है। प्रत्येक मंज़ूरी प्राप्त करने के लिए निवेशकों को कई हितधारकों के पास जाने की आवश्यकता होती है। यूनिफाइड सिगल विंडो सिस्टम इस प्रक्रिया को आसान करेगा और सभी स्वीकृतियों के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करेगा।