कृषि मंत्रालय जैविक कपास, डेरिवेटिव के लिए नई प्रमाणन प्रणाली की योजना बना रहा है
देश में कई संगठन “जैविक वस्त्रों के लिए भारतीय मानक” (Indian Standard for Organic Textiles) की मांग कर रहे हैं। उचित मानक के बिना जैविक कपास से बने वस्त्र असुरक्षित रहते हैं। मतलब, निर्यातक या विक्रेता यह साबित नहीं कर पाता कि कपड़ा ऑर्गेनिक कॉटन से बना है। इस समस्या को हल करने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एक प्रमाणन प्रणाली शुरू करने की योजना बना रहा है जो रसायनों और उर्वरकों का उपयोग किए बिना उत्पादित कपास को जैविक टैग प्रदान करेगा।
मुख्य बिंदु
मंत्रालय एक समिति का गठन करेगा जो प्रमाणित जैविक कपास से संबंधित चिंताओं पर ध्यान देगी। यह समिति प्रमाणन प्रणाली के बारे में सुझाव देगी। मंत्रालय ने समिति से देश में जैविक कपास के कवरेज के बारे में जानकारी प्रदान करने का अनुरोध किया है। साथ ही, समिति जैविक कपड़ा व्यवसाय से जुड़ी निजी फर्मों और व्यक्तियों का विवरण एकत्र करेगी।
भारत में जैविक वस्त्रों की स्थिति क्या है?
आज देश में जैविक वस्त्रों के लिए कोई मानक नहीं हैं। हालाँकि, व्यावसायिक मंडल ग्लोबल ऑर्गेनिक टेक्सटाइल्स स्टैंडर्ड्स और टेक्सटाइल एक्सचेंज स्टैंडर्ड्स जैसे मानकों का उपयोग कर रहे हैं। पहुंच व्यापक नहीं है और इसका उपयोग देश में बहुत कम लोगों द्वारा किया जाता है।