कीवालुर मंदिर, तमिलनाडु

कीवालुर मंदिर तमिलनाडु में स्थित एक मंदिर है। कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित तेवरा स्थलम की श्रृंखला में यह 84 वां है।

किंवदंतियाँ: स्थलपुराणम में कहा गया है कि सुब्रमण्यर ने शिव की पूजा की। शिव ने अपने दाहिने पैर को अगस्त्य के लिए उठाया। कुबेरन एक गरीब भक्त की मदद करने के लिए यहां आए थे। कहा जाता है कि सुब्रमण्यर ने इंद्र की मदद से इस मंदिर का निर्माण कराया था।

मंदिर: मंदिर में प्लास्टर के आंकड़े के साथ एक भव्य राजगोपुरम है। राजसी दीवारें मंदिर को सुशोभित करती हैं। अनियोटिक्कल मंडपम, महामंडपम में शेरों, और यालियों की सुंदर छवियां हैं। इस मंदिर में चोल काल और मराठा काल के शिलालेख देखे जाते हैं। सुब्रमण्यर, सुंदरा विनयकर, अंजुवत्तमई, वेंकटचलपति, अगस्त्य लिंग के नीचे स्थित हैं, जो स्टाल वृक्षम, अम्बरीन मंदिर में कुबेरन आदि हैं।

नवग्रह यहाँ पास की एक एकल फ़ाइल में पाए जाते हैं। नटराज की छवि 18 वीं शताब्दी की है। इस शताब्दी में चोल शिलालेख इस मंदिर में देखे गए हैं और कई साहित्यिक कृतियों में इस मंदिर का उल्लेख है।

त्यौहार: वार्षिक भ्रामोत्सवम चिट्टिराई के महीने में मनाया जाता है।

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