भारतीय स्वास्थ्य पर कम खर्च क्यों कर रहे हैं?
स्वास्थ्य सेवा किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं न केवल नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करती हैं बल्कि देश के समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान करती हैं। भारत में, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा अनुमान 2019-20 हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी किया गया था, जो 2014-15 और 2019-20 के बीच भारत में सरकारी और निजी स्वास्थ्य व्यय के रुझानों का व्यापक विश्लेषण प्रदान करता है।
कुल स्वास्थ्य व्यय में आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च
National Health Accounts द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में कुल स्वास्थ्य व्यय में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (Out-of-Pocket Expenditure – OOPE) की हिस्सेदारी 47.1% थी। पहले यह आंकड़ा 62.6% था। इसका प्रमुख कारण सरकार की स्वास्थ्य नीतियां हैं, जैसे आयुष्मान भारत।
सरकारी स्वास्थ्य व्यय
2014-15 और 2019-20 के बीच देश की कुल जीडीपी में सरकारी स्वास्थ्य व्यय की हिस्सेदारी में प्रतिशत वृद्धि 0.22% थी। हालांकि यह वृद्धि छोटी लग सकती है, यह स्वास्थ्य सेवा पर सरकारी खर्च में सकारात्मक रुझान का संकेत देती है। 2014-15 और 2019-20 के बीच कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी स्वास्थ्य व्यय की हिस्सेदारी में प्रतिशत वृद्धि 12.4% थी। यह वृद्धि इंगित करती है कि पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य देखभाल व्यय में सरकार के योगदान में काफी वृद्धि हुई है।
प्रति व्यक्ति सरकार स्वास्थ्य सेवा पर खर्च करती है
2014-15 और 2019-20 के बीच स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति सरकारी खर्च में प्रतिशत वृद्धि 81.6% थी। यह वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि यह इंगित करता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवा पर प्रति व्यक्ति अधिक खर्च कर रही है। खर्च में यह वृद्धि नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकती है और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे सकती है।
स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च
2018-19 और 2019-20 के बीच स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च में प्रतिशत वृद्धि 12% थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवा पर अपना खर्च काफी बढ़ा दिया है। यह वृद्धि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
2014-15 और 2019-20 के बीच सामान्य सरकारी व्यय में स्वास्थ्य क्षेत्र के खर्च की हिस्सेदारी में प्रतिशत वृद्धि 1.08% थी। यह इंगित करता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए अधिक धन आवंटित कर रही है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
2014-15 और 2019-20 के बीच वर्तमान सरकारी स्वास्थ्य व्यय में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की हिस्सेदारी में प्रतिशत वृद्धि 4.6% थी। यह इंगित करता है कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, जो नागरिकों की भलाई के लिए आवश्यक है।