GI कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगा वाणिज्य मंत्रालय
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय नए GI टैग वाले कृषि उत्पादों की पहचान कर रहा है ताकि उन्हें नए गंतव्यों में निर्यात किया जा सके।
मुख्य बिंदु
- भौगोलिक संकेत (Geographical Indication – GI) टैग एक unique identifier है जो किसी उत्पाद को दिया जाता है, जो उस उत्पाद की उत्पत्ति के क्षेत्र को परिभाषित करता है।
- यह टैग उत्पाद की उत्पत्ति को उस क्षेत्र की बौद्धिक संपदा के रूप में भी दर्शाता है।
- लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, वाराणसी में निर्यात हब बनाने के लिए किसान उत्पादक कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों और निर्यातकों को जोड़ने पर भी सरकार द्वारा बहुत जोर दिया गया है।
- देश के कृषि क्षेत्र ने निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से महामारी के दौरान इस प्रकार एक उभरते हुए प्रमुख वैश्विक खाद्य और कृषि उत्पाद आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत का स्थान मजबूत किया है।
भारत से कौन से GI उत्पाद निर्यात किए जाते हैं?
बासमती चावल और दार्जिलिंग चाय भारत से निर्यात किए जाने वाले दो सबसे लोकप्रिय उत्पाद हैं। सरकार ऐसे अन्य उत्पादों की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिनका अगर सही तरीके से विपणन किया जाए तो वे दुनिया भर में अधिक खरीदारों तक पहुंच सकते हैं।
GI उत्पादों का परीक्षण शिपमेंट
वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत पहल को ध्यान में रखते हुए, सरकार, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के माध्यम से नागा मिर्च, काला नमक चावल, बैंगलोर रोज़ जैसे कुछ उत्पादों के लिए दुनिया भर के नए बाजारों में शिपमेंट का परीक्षण कर रही है। प्याज, असम काजी नेमू, आम की जीआई किस्में, नागपुर संतरे, भालिया गेहूं, जीआई-टैग की गई शाही लीची, बर्धमान सीताभोग और मिहिदाना, मदुरै मल्ली, जलगाँव केला, दहानु घोलवड़ सपोटा, मरयूर गुड़, वज़हकुलम अनानास, आदि के लिए नए बाज़ारों की खोज की जा रही है।