‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम (Vibrant Villages Programme) क्या है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (Vibrant Villages Programme) के तहत उत्तरी सीमा पर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए काम करने जा रही है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम क्या है?
- वित्त मंत्री ने इस कार्यक्रम के बारे में विवरण नहीं दिया। हालाँकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के साथ भारत की सीमा के साथ गांवों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम के तहत आवासीय और पर्यटन केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
- यह सड़क संपर्क में सुधार और विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए कार्य करेगा।
- इसके अलावा दूरदर्शन और शिक्षा संबंधी चैनलों की सीधी पहुंच प्रदान की जाएगी। आजीविका के लिए सहायता भी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम का महत्व
भारत के साथ हिमालय की सीमा पर चीन की उपस्थिति बढ़ाने के आलोक में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा महत्वपूर्ण है। चीन सक्रिय रूप से दोहरे उपयोग वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। इसने सरकार, रणनीतिक हलकों और सुरक्षा बलों और रणनीतिक हलकों के बीच चिंताओं को जन्म दिया है। चीन ने 2017 से सीमा पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किया है। यह सीमा पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए तिब्बत में सीमावर्ती गांवों का निर्माण कर रहा है।
कार्यक्रम के उद्देश्य
आवास सुविधाओं के अपग्रेडेशन के उद्देश्य से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्थित गांवों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करके इस उद्देश्य को पूरा किया जाएगा। यह पलायन को रोकने का प्रयास भी करेगा।
चीन के मॉडल गांव
चीन ने हाल के वर्षों में भारत के साथ-साथ भूटान और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉडल गांवों का विकास किया है। भारत के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को चीन के मॉडल गांवों की प्रतिक्रिया माना जा रहा है।