DRDO ने आकाश-एनजी मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने सतह से हवा में मार करने वाली आकाश-एनजी (न्यू जनरेशन) मिसाइल का ओडिशा तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह मिसाइल हवाई खतरों को रोक सकती है। इस मिसाइल को भारतीय वायु सेना (IAF) रक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है।
आकाश-एनजी
- आकाश-एनजी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है।
- इसे रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
- इस मिसाइल का निर्माण संयुक्त रूप से भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा किया गया है। इस मिसाइल सिस्टम का निर्माण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा किया गया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), टाटा पावर स्ट्रेटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन और लार्सन एंड टुब्रो ने रडार, नियंत्रण केंद्र, लॉन्चर सिस्टम विकसित किया है।
- मिसाइल में 18,000 मीटर की ऊंचाई पर 50-60 किमी दूर तक विमान को निशाना बनाने की क्षमता है।
- यह मिसाइल लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर कर सकती है।
- यह मिसाइल भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के संचालन में है।
- यह एक इंटीग्रेटेड रैमजेट-रॉकेट प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करती है।
- दिसंबर 2020 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने आकाश मिसाइल रक्षा प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दी थी।उसके बाद फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड, बेलारूस, यूएई और वियतनाम सहित कई देशों ने आकाश मिसाइल प्रणाली में अपनी रुचि दिखाई है।
आकाश-एनजी की विशेषता
आकाश बैटरी में सिंगल राजेंद्र 3D पैसिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड ऐरे रडार और तीन मिसाइलों के साथ चार लांचर शामिल हैं। प्रत्येक बैटरी 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और 12 तक हमला कर सकती है। इसमें 60 किलोग्राम उच्च विस्फोटक, पूर्व-खंडित वारहेड शामिल हैं। यह मिसाइल वाहनों के काफिले की रक्षा करने में सक्षम है। यह 2,000 किमी के क्षेत्र के लिए वायु रक्षा मिसाइल कवरेज प्रदान करता है।
Passive Electronically Scanned Array (PESA)
PESA एक एंटीना है जिसमें रेडियो तरंगों के बीम को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अलग-अलग दिशाओं में इंगित करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है। PESA का उपयोग रडार में अत्यधिक किया जाता है।