धार्मिक स्थलों की रक्षा पर संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव : मुख्य बिंदु

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हाल ही में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव को अपनाया है। यह प्रस्ताव धार्मिक स्थलों को आतंकवाद के कृत्यों से बचाने के लिए और अधिक प्रयासों का आह्वान करता है।

मुख्य बिंदु

यह प्रस्ताव धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देता है। इस प्रस्ताव में धार्मिक स्थलों को आतंकवाद और इस तरह के कृत्यों से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की कार्य योजना को लागू करने के लिए कहा गया है। धार्मिक स्थल परंपराओं, सामाजिक ताने-बाने और किसी स्थान और समुदाय के इतिहास का प्रतिनिधित्व करते है, इसलिए इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।

आतंकवादियों ने ऐसे स्थलों को निशाना बनाया और नष्ट किया है, जिसका उदाहरण देते हुए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर बढ़ते खतरे को उजागर किया गया है। इस प्रस्ताव में कलाकृतियों की अवैध तस्करी को भी इंगित किया गया है। यह प्रस्ताव सभी सरकारों को इन स्थलों  को सुरक्षित करने के लिए कहता है। प्रत्येक देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी आतंकवादी हमले में किसी भी स्थान की सुरक्षा के लिए उचित उपाय किए जाएं।

यह प्रस्ताव सऊदी अरब द्वारा प्रस्तावित किया गया था और इसे इराक, मिस्र, यमन, फिलिस्तीन, सूडान और यूएई जैसे अरब देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था। इस प्रस्ताव का समर्थ यूरोपीय संघ और अमेरिका द्वारा किया गया है।

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