मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को मंजूरी दी
हाल ही में मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। इस बिल के द्वारा विवाह के लिए और धोखे के माध्यम से बलपूर्वक धर्मांतरण पर रोक लगाने का प्रयास किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
मध्य प्रदेश द्वारा पारित धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 के अनुसार, विवाह के लिए बलपूर्वक धर्म परिवर्तन या धोखे से इस तरह के किसी भी धर्म परिवर्तन के लिए 10 साल कारावास और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा।
- कोई भी व्यक्ति विवाह के एकमात्र उद्देश्य (अनुमति के बिना) के लिए धर्मान्तरण करता है तो बिल के प्रावधानों के अनुसार उस व्यक्ति को दण्डित किया जा सकता है।साथ ही, ऐसी शादी मान्य नहीं होगी।
- कोई भी व्यक्ति जो किसी भी कारण से धर्मान्तरण करना चाहता है, उसे धर्मान्तरण के 2 महीने से पहले जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन करना होगा।
- इस विधेयक को अब मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा।
- राज्य विधानसभा से अनुमोदन के बाद, धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 1968 के धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की जगह लेगा।
इस प्रकार के अन्य बिल
इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक धर्मांतरण विरोधी कानून पारित किया था। इस कानून में भी जबरदस्ती धार्मिक धर्मांतरण के मामले में 10 साल तक की कैद का प्रावधान है।