तेलंगाना फाइबर ग्रिड परियोजना : मुख्य बिंदु
हाल ही में तेलंगाना सरकार ने तेलंगाना फाइबर ग्रिड परियोजना को “महत्वपूर्ण सार्वजनिक उद्देश्य परियोजना” के रूप में घोषित किया है। यह परियोजना ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने से पहले, संबंधित सभी अधिकारियों को केवल 5 दिन पूर्व सूचना देगी।
तेलंगाना फाइबर ग्रिड
तेलंगाना फाइबर ग्रिड राज्य सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। यह राज्य को उच्च गति इंटरनेट प्रदान करेगा। यह परियोजना 2017 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा प्रदान करना है।
यह परियोजना सस्ती और उच्च गति ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करेगी। इसका लक्ष्य 33 जिलों, 12751-ग्राम पंचायत, 10128 गांवों को डिजिटल सेवा प्रदान करना है। यह मिशन 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करेगा।
इस परियोजना के लिए फाइबर ऑप्टिक लाइनें, मिशन भागीरथ के तहत पीने के पानी के पाइप के साथ बिछाई गई हैं। इस तरह से तेलंगाना सरकार ने मिशन भागीरथ पर खुदाई की लागत भी कम कर दी है।
मिशन भागीरथ
यह तेलंगाना सरकार का एक सुरक्षित पेयजल मिशन है। इस परियोजना अनुमानित लागत 43,791 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में 20 लाख घरों और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 60 लाख घरों में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाना है।
इस परियोजना के तहत गोदावरी और कृष्णा नदियों से पीने के साफ पानी को लोगों तक ले जाया जायेगा।
गोदावरी नदी
गोदावरी नदी गंगा के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है। यह नदी महाराष्ट्र के त्रयंबकेश्वर से निकलती है। यह तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में बहती है। यह नदी बंगाल की खाड़ी में बहती है। इसे दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है।
कृष्णा नदी
गंगा, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र के बाद भारत में जल प्रवाह की दृष्टि से कृष्णा नदी चौथी सबसे बड़ी नदी है। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर बहती है। यह महाबलेश्वर के पास पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है।