केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लक्षद्वीप के लिए सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीपसमूह के बीच पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी (KLI Project) को मंजूरी दे दी है।
KLI Project
• यह परियोजना एक समर्पित सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के माध्यम से एक डायरेक्ट कम्युनिकेशन लिंक का प्रावधान प्रदान करती है।
• यह कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों- कवर्त्ती, अगति, अमिनी, कल्पेनी, मिनिकोय, आंद्रोथ, बांगरम, बितरा, किल्टन, चेतलत और कदमत के बीच बिछाई जाएगी।
• इस परियोजना की अनुमानित लागत 1072 करोड़ रुपये है। इसमें 5 वर्षों के लिए परिचालन व्यय भी शामिल है।
• इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
• यह परियोजना मई 2023 तक पूरी हो जाएगी।
महत्व
• दूरसंचार के बुनियादी ढांचे की वृद्धि आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ जुड़ी हुई है। रोजगार सृजन में दूरसंचार कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस प्रकार, कैबिनेट द्वारा इस अनुमोदन से लक्षद्वीप द्वीप समूह में दूरसंचार सुविधा में सुधार होगा। यह ज्यादा बैंडविड्थ के साथ दूरसंचार सुविधा प्रदान करेगा।
• सबमरीन कनेक्टिविटी परियोजना से नागरिकों की ई-गवर्नेंस सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
• यह मत्स्य पालन, नारियल आधारित उद्योगों और उच्च मूल्य वाले पर्यटन के संभावित विकास में भी मदद करेगा।
• यह परियोजना टेलीमेडिसिन सुविधाओं के लिए भी उपयोगी है, इसके अलावा शिक्षा के लिए यह लाभदायक सिद्ध होगी।
• यह कई व्यवसायों की स्थापना में मदद करेगी, इससे ई-कॉमर्स गतिविधियों में वृद्धि होगी।
कार्यान्वयन
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को इस परियोजना की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूशन एजेंसी बनाया गया है। जबकि, टेलीकम्यूनिकेशन्स कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड (TCIL) को इस परियोजना के तकनीकी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। यह फंड की सुविधा के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड की सहायता करेगा।