नन्नीलम मंदिर

नन्नीलम मंदिर एक मंदिर है जो एक ऊंचाई पर बनाया गया है। कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित तेवरा स्टेलम की श्रृंखला में यह 71 वां है।

किंवदंतियाँ: सूर्य ने इस मंदिर में पूजा की और इसलिए इसे बृहदेश्वर कहा जाता है। मंदिर के उत्तर में ब्रह्मा सिद्धांत है। मधुमक्खियों के रूप में देवताओं ने यहां शिव की पूजा की थी।

मंदिर: यह एक छोटा मंदिर है और इसमें दो स्तुत्य और एक छोटा राजगोपुरम है। सूल थेरथम (शिव के त्रिशूल से निर्मित) मंदिर के उत्तर में स्थित है। भोग सक्ति की कांस्य छवि हमेशा गर्भगृह में होती है। कदम सोमस्कंदर, दक्षिणामूर्ति और नर्तना गणपति के मंदिरों की ओर जाते हैं। महादेवलिंगम में एक मंदिर भी है – ब्रह्म उपासना और अगाथेश्वरर से जुड़ा एक मंदिर।

त्यौहार: वैकसी विशाखम, थाई पोसम, वल्ली तिरुमानम (कार्तिकई), आनी तिरुमंजनम, आदी पूरम, आवानी मूलम और स्कंद षष्ठी यहाँ मनाई जाती हैं।

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